एक बार की बात है, एक नौजवान था जिसका एक सफल उद्यमी बनने का सपना था। उसके पास एक व्यवसाय के लिए एक बहुत बड़ा विचार था और इसे एक वास्तविक रूप देने के लिए एक दृढ़ संकल्प भी था। हालांकि, उसके पास व्यवसाय आरंभ करने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी थी।

 

एक दिन वह अपने माता-पिता के पास मदद मांगने गया। उसके माता-पिता ने उसके विचार सुने और उस पर विश्वास किया। उन्होंने उसके विचार में क्षमता देखी और अपनी सारी बचत अपने बेटे के सपने को पूरा करने मे निवेश करने का फैसला किया।

 

अपने माता-पिता के सहयोग और प्रोत्साहन से युवक अपना व्यवसाय शुरू करने में सक्षम हुआ। उसने बिना थके बहुत मेहनत के साथ, लंबे समय तक काम किया और आलस्य का त्याग किया, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। उसके माता-पिता ने अपने पुत्र के नया व्यवसाय शुरू करने के उतार-चढ़ाव के समय मे  भावनात्मक और आर्थिक रूप से उसका समर्थन करना जारी रखा।

 

आखिरकार महीनों की मेहनत और लगन के बाद युवक का धंधा चल निकला और एक बड़ी सफलता के बाद  वह अपने माता-पिता के निवेश को कई गुना अधिक चुकाने में सक्षम हो गया।

 

युवक ने महसूस किया कि, उसके माता-पिता के समर्थन के बिना, वह कभी भी अपने सपने को हासिल नहीं कर पाता। वह उन पर उनके विश्वास के लिए और उन्हें शुरू करने में मदद करने के लिए किए गए बलिदानों के लिए हमेशा आभारी था

 

इस युवक और उसके माता-पिता की कहानी हमें याद दिलाती है कि हमारे माता-पिता का प्यार और उनका समर्थन हमारे लिए  एक शक्तिशाली प्रेरक है माता पिता से बड़कर कोई भी नहीं है। माता पिता को सत सत नमन ।